मंगलवार, 20 जून 2017

खुशियों का गाँव

(मेरे नए बाल नाटक खुशियों का गांव का पहला दृश्य)
खुशियों का गाँव
(बाल नाटक)
०डा०हेमन्त कुमार

                                                                      


पात्र: 1-काली (गरीब बच्चा)-12 साल
        2-रामू(गरीब बच्चा)--11 साल
    3-दीनू (गरीब बच्चा)—11 साल
    4-मल्लिका(मल्लू)-11 साल
    5-सलमा-(सल्लू)-10 साल
    6-लड़का एक-(अमीर बच्चा)-12 साल
    7-लड़का दो–(आमिर बच्चा)-10 साल
    8-लड़की एक–(अमीर बच्ची)-12 साल
    9-भूत राजा-75-80 साल
    10-परी-20 साल
    कुछ अन्य बच्चे एवं बड़े  लोग ।

(दृश्य -1
(संगीत  के साथ ही मंच पर प्रकाश होता है।मंच पर एक तरफ से मल्लिका, सलमा, लड़की एक और दूसरी तरफ से काली,रामू,दीनू,लड़का एक और लड़का दो  नाचते हुए आते हैं।सब बच्चे एक बार नाचते हुए पूरे  मंच का चक्कर लगते हैं फिर बीच में एक लाइन में खड़े हो जाते हैं।लड़का एक और लड़की एक आगे बढ़ते हैं और गाते हैं ।)

लड़की–1     सुबह पढाई शाम पढाई
             दोपहर रात भी करो पढाई
            समय न हमको जरा भी मिलता
            खेल कूद कब करेंगे भाई।
                     हम बच्चों पर आफत आई।
लड़का—1:     खेल कूद कब करेंगे भाई।
            हम बच्चों पर आफत आई।
(लड़की एक और लड़का दो भी आगे बढ़ते हैं और गाते हैं।)
लड़का-2:   मम्मी पापा हरदम टोकें
          किताब उठा लो करो पढाई
          पीठ पे बोझा बढ़ता जाता
          ये कैसा जीवन है भाई।
लड़की–1 :   खेल कूद कब करेंगे भाई।
           हम बच्चों पर आफत आई।
(दीनू और मल्लिका भी आगे बढ़ कर खड़े होते हैं और गाते हैं। )
मल्लिका : घर पे मम्मी पापा डाटें
         खो गया अपना छुपम छुपाई
         गुरु जी स्कूल में छड़ी पटकते
         सबकी करते कान खिंचाई।
दीनू    : खेल कूद कब करेंगे भाई।
         हम बच्चों पर आफत आई।
(सारे बच्चे एक दूसरे का हाथ मजबूती से पकड़ कर मंच के आगे खड़े हो जाते हैं और दर्शकों को देखते हैं।सलमा फिर गाती है। )
सलमा : उपदेशों के मकड़जाल में
        फंस गया अपना बचपन भाई
        भोलापन चेहरों से गायब
        किसी को चिंता है क्या भाई।
(सारे बच्चे दर्शकों से प्रश्न पूछने की मुद्रा में हाथ हिला कर गाते हैं।)
सभी बच्चे : भोलापन चेहरों से गायब
           किसी को चिंता है क्या भाई।
           सुबह पढाई शाम पढाई
            खेल कूद कब करेंगे भाई।
            हम बच्चों पर आफत आई।

(सारे बच्चे तेजी से गाते हुए मंच पर चारों और घूमते हैं।गाने के साथ ही उनके नाचने की भी गति बढती जाती है।अंत में संगीत एक झटके से रुक जाता है बच्चे अपनी अपनी जगहों पर उसी मुद्रा में फ्रीज हो जाते हैं।दृश्य परिवर्तन।)

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (22-06-2017) को
    "योग से जुड़ रही है दुनिया" (चर्चा अंक-2648)
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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