![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjs6gYaE7BS5Omf-9_Yg0J3WUHM7AJOmuaM-H7SdANq8bC-VqtkJ0lAon5QQtpRaykA_8f52mhbKQXSLSc6RM_tGrtbEHx5NPXSYWW6YMb76p6hfB9Q7pdZ1ssBIueMGtcFOyTYdp0WO4k/s400/Gudiya-ghar.jpg)
गुड़िया का ये न्यारा घर,
उसको सबसे प्यारा घर।
झाड़ पोंछ कर इसको रखती,
चंदा सा उजियारा घर।
नीली पीली पन्नी लेकर,
हमने बहुत संवारा घर।
धूल न इस पर पड़ने दी है,
हमने रोज बुहारा घर।
आओ सब मिल खेलें इसमें,
ये मेरी गुड़िया का घर।
इसमें मेरी गुड़िया रहती,
ये है प्यारा गुड़िया घर।
उसको सबसे प्यारा घर।
झाड़ पोंछ कर इसको रखती,
चंदा सा उजियारा घर।
नीली पीली पन्नी लेकर,
हमने बहुत संवारा घर।
धूल न इस पर पड़ने दी है,
हमने रोज बुहारा घर।
आओ सब मिल खेलें इसमें,
ये मेरी गुड़िया का घर।
इसमें मेरी गुड़िया रहती,
ये है प्यारा गुड़िया घर।
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKqkpBmX79lxCOfBf2mQ2XylTUSiaIe8SxD-hjhomC7iOZfygJXETADc7JH34Uhlf1ZuOdgiw81bnceZiG5UBO8B72GuTCAO7hWkbFA4_3V1bG5hid4sNA0jOk9UOAFLBfS_4X_7e3CM8/s200/Mr+Aravind.jpg)
पेशे से बच्चों के चिकित्सक डा0 अरविन्द दुबे के अन्दर बच्चों को साधने (हैण्डिल करने),उनके मनोभावों को समझने,और रोते शिशुओं को भी हंसा देने की अद्भुत क्षमता है। उनकी इसी क्षमता ने उन्हें लेखक और कवि भी बना दिया। डा0 अरविन्द कविता ,कहानी के साथ हिन्दी में प्रचुर मात्रा में विज्ञान साहित्य भी लिख रहे हैं।
हेमन्त कुमार द्वारा प्रकाशित