सबने कहा महाराज हम जल्द ही ऐसी चीज लायेंगे ।फ़िर सब वापस लौट गये ।जंगल के सारे जानवर लगे सोचने शेर को क्या खिलाया जाय ?उसे क्या लाकर दिया जाय ?
अगले दिन कुत्ता शेर के लिये रोटियां लाया ।शेर रोटियां देख कर बहुत खुश हुआ ।
पर रोटियां मुंह में डालते ही उसने मुंह बिचकाया ।रोटियां बहुत कड़ी थीं । शेर उन्हें चबा नहीं पाया ।दोपहर में घोड़ा कहीं से मुलायम घास लाया ।शेर ने उसे भी सूंघा और मुंह बिचकाकर बोला---‘अब क्या मुझे घास खाकर रहना पड़ेगा ?भला इससे मेरा पेट भरेगा ?’
शाम को बिल्ली गबरू के लिये एक कटोरे में दूध लाई ।शेर ने दूध भी चखा ,पर वह भी गबरू को अच्छा नहीं लगा ।धीरे धीरे दो दिन बीत गये ।खाने की कोई चीज गबरू को अच्छी नहीं लग रही थी । आखिर उसकी मांस खाने की आदत जो थी ।एक छोटी गिलहरी ढेर सारे बादाम शेर के लिये लाई । शेर खुश तो हुआ पर---वह बादाम भी नहीं खा सका ।
गुस्सा होकर गबरू शेर जोर से दहाड़ा ।सारे जानवर वहां इकट्ठे हो गये ।गबरू ने उन्हें जोर से डांटा----“मूर्खों तुम्हें अपने राजा का जरा भी खयाल नहीं है ?क्या मैं भूखा मर जाऊं ?”
महाराज हम जल्द ही कोई उपाय करते हैं ।सभी जानवरों ने गबरू को समझाने की कोशिश की ।
“बंदर तू तो आदमियों की बस्ती में जाता है ।वहीं से कुछ ढूंढ़ कर ले आ ।”गबरू ने बंदर को डांटा ।
“महाराज मैं आज आज शाम तक जरूर कुछ लाऊंगा ।”कहकर बंदर डालियों पर लटकता हुआ चला गया ।सारे जानवर सोचने लगे---देखो बंदर गबरू को क्या खिलायेगा ?
शाम को शेर गुफ़ा के सामने बैठा था ।भूख के मारे उसका बुरा हाल था अचानक बंदर पेड़ की डाली से कूदा । उसके हाथों में केले का गुच्छा था । केलों की खुशबू से शेर की भूख और बढ़ गयी ।बंदर ने एक केला छीला ।उसे गबरू के पोपले मुंह में डाल दिया ।
“वाह कितना मीठा है ---------और मुलायम भी ।” गबरू खुश होकर बोला ।
बंदर एक एक केला छील कर कर गबरू को खिलाता गया ।गबरू का पेट भर गया ।वह खुशी में जोर से दहाड़ा । सारे जानवर वहां फ़िर आ गये । बंदर शेर को केले खिला रहा था ।सब आश्चर्य से दोनों को देख रहे थे।
“ दोस्त तुम मुझे रोज यही फ़ल लाकर खिलाया करो ।”गबरू बोला अब बंदर रोज उसे केले खिलाता है ।गबरू शेर भी काफ़ी खुश रहता है ।
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हेमन्त कुमार
महाराज हम जल्द ही कोई उपाय करते हैं ।सभी जानवरों ने गबरू को समझाने की कोशिश की ।
“बंदर तू तो आदमियों की बस्ती में जाता है ।वहीं से कुछ ढूंढ़ कर ले आ ।”गबरू ने बंदर को डांटा ।
“महाराज मैं आज आज शाम तक जरूर कुछ लाऊंगा ।”कहकर बंदर डालियों पर लटकता हुआ चला गया ।सारे जानवर सोचने लगे---देखो बंदर गबरू को क्या खिलायेगा ?
शाम को शेर गुफ़ा के सामने बैठा था ।भूख के मारे उसका बुरा हाल था अचानक बंदर पेड़ की डाली से कूदा । उसके हाथों में केले का गुच्छा था । केलों की खुशबू से शेर की भूख और बढ़ गयी ।बंदर ने एक केला छीला ।उसे गबरू के पोपले मुंह में डाल दिया ।
“वाह कितना मीठा है ---------और मुलायम भी ।” गबरू खुश होकर बोला ।
बंदर एक एक केला छील कर कर गबरू को खिलाता गया ।गबरू का पेट भर गया ।वह खुशी में जोर से दहाड़ा । सारे जानवर वहां फ़िर आ गये । बंदर शेर को केले खिला रहा था ।सब आश्चर्य से दोनों को देख रहे थे।
“ दोस्त तुम मुझे रोज यही फ़ल लाकर खिलाया करो ।”गबरू बोला अब बंदर रोज उसे केले खिलाता है ।गबरू शेर भी काफ़ी खुश रहता है ।
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हेमन्त कुमार
आपकी टिप्पणियों के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! मेरे ब्लॉग पर आते रहिएगा!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया और प्यारी कहानी लिखा है आपने! आजकल तो बच्चों की कहानी लिखने वाले बहुत ही कम दिखने को मिलता है और बच्चों के लिए कविता या कहानी लिखना सबसे कठिन होता है! इस ख़ूबसूरत पोस्ट के लिए बधाई!
Kaash...aisee kahaniyan mai kisi bachhe ko suna sakti!!
जवाब देंहटाएंhttp://shamasansmaran.blogspot.com
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अच्छी बाल रचना है बधाई
जवाब देंहटाएंआपकी कहानिया बच्चे बड़े ध्यान से सुनते हैं /पोपला मुंह (नाना जी ये क्या होता है )कुत्ता रोटी लाया ,घोड़ा घास और गिलहरी बादाम लाइ | अपने अपने खाने की चीज़ सब लाये |बन्दर केले का गुच्छा लाया -रोचक कहानी ,संग्रहनीय
जवाब देंहटाएंMajedar kahani hai.
जवाब देंहटाएंBAHUT HI ACCHI KAHANI HAI. BACCHO KE LIYE AISE HI KAHANI LIKHTE RAHE.
जवाब देंहटाएंbekar
जवाब देंहटाएंsunder
जवाब देंहटाएंGreat article, Thanks for sharing this. Find list of best schools in Jaipur for your child with seek my school.
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