आज हमारी छुट्टी है
स्कूल से हो गयी कुट्टी है।
सब कुछ उल्टा पुल्टा घर में
झाड़ू पोंछा बर्तन पल में
अब पापा निपटायेंगे
मां की हो गयी छुट्टी है।
आज हमारी छुट्टी-------।
पार्क में सब मिल जायेंगे
मौजें खूब मनायेंगे
हरी घास फ़ूलों के नीचे
सोंधी सोंधी मिट्टी है।
आज हमारी छुट्टी-------।
झूले पतंग और खेल खिलौने
पापा मम्मी भैया दीदी
गोलगप्पे और आलू टिक्की
चटनी सबमें खट्टी है।
आज हमारी छुट्टी है
स्कूल से हो गयी कुट्टी है।
0000000
हेमन्त कुमार
स्कूल से हो गयी कुट्टी है।
सब कुछ उल्टा पुल्टा घर में
झाड़ू पोंछा बर्तन पल में
अब पापा निपटायेंगे
मां की हो गयी छुट्टी है।
आज हमारी छुट्टी-------।
पार्क में सब मिल जायेंगे
मौजें खूब मनायेंगे
हरी घास फ़ूलों के नीचे
सोंधी सोंधी मिट्टी है।
आज हमारी छुट्टी-------।
झूले पतंग और खेल खिलौने
पापा मम्मी भैया दीदी
गोलगप्पे और आलू टिक्की
चटनी सबमें खट्टी है।
आज हमारी छुट्टी है
स्कूल से हो गयी कुट्टी है।
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हेमन्त कुमार
आप बच्चों के लिए अच्छा साहित्य दे रहे हैं, शुभ कामनाएँ। कभी ‘बाल-संसार’ पर भी दृष्टि डालें।
जवाब देंहटाएं-श्याम सुन्दर अग्रवाल
http://balsansar.blogspot.com/
http://shyamsunderaggarwal.blogspot.com/
इस मनभावन बाल-गीत के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंसुन्दर बालगीत है।बधाई।
जवाब देंहटाएंबच्चों के लिए बहुत प्यारी कविता...
जवाब देंहटाएंOh...! bilkul bachhee banke padha in posts ko..!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत और प्यारा बाल-गीत लिखा है आपने जो प्रशंग्सनीय है! चित्र भी उतने ही सुंदर है! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए ढेर सारी बधाइयाँ!
जवाब देंहटाएंचित्र बडे मनभावन लगाए गए हैं. इससे बाल मन पर सचमुच पॉज़िटिव प्रभाव पडेगा.
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