(चित्र-गूगल से साभार) |
अपने घरों की रसोई में छोटी छोटी लाल या काली चींटियों की लम्बी लम्बी कतारें
तो आपने देखी ही होंगी।कैसा एक दूसरे के
पीछे एक लाइन बना कर चलती हैं।कभी ये अपने खाने की खोज में रहती हैं तो कभी नए घर
की तलाश में।क्या आपने कभी इन नन्हीं चींटियों के जीवन के बारे में सोचा है।क्यों
ये एक दूसरे के पीछे ही चलती हैं?कभी इनकी कतार को छेड़ दो तो ये सब एक ही दिशा में
भागती हैं?क्योंकि इनके अंदर आपस में एक दूसरे का सहयोग करने के साथ ही अपने काम
को पूरी जिम्मेदारी से पूरा करने की जबर्दस्त भावना होती है।आइये हम इन नन्हीं
चींटियों के जीवन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
(चित्र-गूगल से साभार) |
0प्रजातियां : हमारी पूरी धरती पर
चींटियों की लगभग 11,000प्रजातियां मिलती हैं।ये धरती के हर कोने में मौजूद
हैं इनकी कुछ मुख्य प्रजातियों के नाम हैं-आर्मी ऐण्ट्स,ड्राइवर ऐण्ट्स ।ये दक्षिणी अमेरिका और
अफ़्रीका में ज्यादा पाई जाती हैं।हार्वेस्टर चींटियां रेगिस्तानों
में ज्यादा पाई जाती हैं।इनका मुख्य भोजन बीज है।एफ़िड टेण्डिंग चींटियां
छोटे छोटे कीड़ों से एक रस निकाल कर खाती हैं।स्लेव मेकर चींटियां
दूसरी जाति की चींटियों के बच्चों को उठा ले जाती हैं।इन बच्चों को पालकर
इनसे वो अपने सारे काम करवाती हैं।चींटियों की एक और प्रजाति प्रसिद्ध है—“हनीपाट वर्कर”।ये अपने शरीर में पौधों का मीठा रस इकट्ठा
करके अपनी बस्ती की सारी चींटियों को खिलाती हैं।
0सबके काम अलग-अलग:जैसे तुम्हारे स्कूल में हर
व्यक्ति का काम अलग अलग बंटा है उसी तरह चींटियों की बस्तियों में भी सभी के काम
बंटे हुये होते हैं।इनकी हर बस्ती में तीन तरह की चींटियां रहती हैं।
0मजदूर चींटियां:मजदूर चींटियों के जिम्मे थोड़ा ज्यादा काम रहते हैं।ये बिल बनाने,छोटे बच्चों को
पालने,खाना इकट्ठा करने और बिल को साफ़ सुथरा रखने का काम करती हैं।
0रानी चींटियां:इनका काम सिर्फ़ अंडे देना और बच्चे पैदा करना रहता है।ये और
कोई दूसरा काम नहीं करती हैं।
0पुरुष चींटियां:ये रानी चींटियों को गर्भवती बनाते हैं और कुछ समय बाद मर
जाते हैं।
(चित्र-गूगल से साभार) |
0 चींटियों का शरीर:इतनी नन्हीं चींटियों के शरीर की
बनावट तो सामान्य आंख से नहीं दिखाई देगी।किसी माइक्रोस्कोप से देखकर ही उसके शरीर
की बनावट को समझ जा सकता है।
(चित्र-गूगल से साभार) |
इनके मुंह के भीतर तीन
हिस्से होते हैं।इनका जबड़ा सबसे काम का होता है।इसे ये हर तरफ़ घुमा लेती हैं।ये
अपने जबड़ों का इस्तेमाल खोदने,खाना इकट्ठा करने,बिल बनाने,दुश्मनों से लड़ने और काटने
में कर सकती हैं।ये अपने छोटे जबड़े से चबाती हैं।और नन्हीं सी जीभ से तरल पदार्थ
पीती हैं।कुछ चींटियों की दो और कुछ की
एक आंख होती है।कुछ अंधी भी होती हैं।इनके कान तो नहीं होते पर वो अपने आस पास
होने वाले कंपनों से आवाज का पता लगा लेती हैं।शायद आपको जान कर आश्चर्य होगा कि
हमारी तरह ये आपस में बातें भी करती हैं।चींटियों की सबसे खास बात ये है कि वो बोल
तो नहीं सकतीं पर एक दूसरे को छू कर,शरीर से गंध छोड़ कर,जमीन में कंपन पैदा करके
भी एक दूसरे तक अपनी बातें पहुंचाती हैं।
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डा0हेमन्त कुमार
Informative
जवाब देंहटाएंcheenti rani pe lekh padhkar bahut achha laga... prakruti me se agar hum kisi se himmat aur mehnat ki seekh lete hain toh wo hai... sajag cheentiyan... vigyaan ka gyaan aise hi vitrit karte rahen...
जवाब देंहटाएंगजब
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