सोमवार, 1 सितंबर 2014

घायल हुये शिकारी


जंगल  में जैसे ही पहुंचे,
मोटे कई शिकारी,
सभी जानवर भागे फ़ौरन
आया संकट भारी।

कोई भागा गुफ़ा में अपनी
कोई नदी में कूदा
पर भालू सियार ने मिलकर
तरकीब निकाली न्यारी।

दोनों ने पत्थर फ़ेंके फ़िर
मधु मक्खी के छ्त्तों में
भन भन करती टूट पड़ीं सब
जिधर  छुपे थे शिकारी।


कुछ के चेहरों पर था काटा
किसी के डंक चुभोया
चीख चीख कर वापस भागे
घायल सभी शिकारी।
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हेमन्त कुमार

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