1-नवाब
रंगीले
लेखक-आबिद
सुरती
प्रकाशक-नेशनल
बुक ट्रस्ट,इंडिया।
मूल्य-रूपये-75/-
2-क्यों
मुस्कराए बुद्ध 2500 वर्ष बाद
लेखक-आबिद
सुरती
प्रकाशक-नेशनल
बुक ट्रस्ट,इंडिया।
मूल्य—रूपये-45/-
आबिद सुरती एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी
रचनाकार हैं।आप लोगों में से कुछ ने ढब्बू जी को जरुर पढ़ा होगा।पर आपके मम्मी पापा
तो उनसे जरूर बहुत अच्छी तरह परिचित होंगे।यद्यपि आबिद जी को ज्यादातर लोग उनके
प्रसिद्ध कार्टून चरित्र ढब्बू जी के जनक के रूप में जानते हैं।धर्मयुग पत्रिका
में नियमित रूप से प्रकाशित होने वाला “कार्टून कोना ढब्बू
जी”—आज भी हर पाठक के मन में बसा है।परन्तु आप में
से कम बच्चों को यह पता होगा कि आबिद सुरती ने बड़ों और बच्चों दोनों के लिये ढेरों
किताबें भी लिखी हैं।उनकी पुस्तकों में व्यंग्य की “काली किताब” के अलावा “टूटे हुए
फ़रिश्ते”,“आधी स्त्री”, “आकाश के उस
पार”,“आदमखोर”,“काले गुलाब” जैसे कई
उपन्यास तो हैं ही।इसके साथ ही बच्चों के लिये एक बहुत ही मनोरंजक,रोचक किताब “नवाब
रंगीले” तथा शिक्षाप्रद पुस्तक “क्यों
मुस्कराए बुद्ध 2500 वर्ष बाद” नेशनल बुक ट्रस्ट
से प्रकाशित हुयी हैं।बहुत जल्द ही आबिद जी की बच्चों के लिये प्रयोगात्मक आधार पर
लिखी गयी पुस्तकों की एक सिरीज साहित्य अकादमी से प्रकाशित होने वाली है।
मैं आज यहां
आबिद जी की “नवाब रंगीले”और “क्यों
मुस्कराए बुद्ध 2500 वर्ष बाद” किताबों के बारे
में आपको बता रहा हूं।ये दोनों ही किताबें आपको जरूर पढ़नी चाहिये।
“”नवाब
रंगीले” के प्रमुख पात्र नवाब रंगीले ही हैं।उनके तरह
तरह के मजेदार कारनामों को आबिद जी ने सात शीर्षकों-- “भाई लल्लू,
हो जा शुरु”,“भूत के भाई”,“चोर
मचाए शोर”,“पहलवान
खूंखार खान”, “जवान निन्यानबे साल
का”, “देने वाला जब भी
देता”, “चुटकुला खुदा का” की
अलग-अलग घटनाओं में संजोया है।इस पूरी किताब में आप लोग एक तरफ़ तो नवाब रंगीले के
तरह तरह के मजेदार कारनामें पढ़ कर हंसते हंसते लोट-पोट हो जाएंगे।दूसरी ओर इसके
माध्यम से आप अपने देश की संस्कृति,सभ्यता को बहुत नजदीक से देख और समझ सकेंगे। एक
खास बात और
अपनी इस किताब के
सारे चित्र भी आबिद जी ने खुद ही बनाए हैं।तो इस तरह आप उनकी लेखनी के साथ ही
चित्रकारी का भी आनन्द उठा सकेंगे।
आबिद जी की
दूसरी किताब “क्यों मुस्कराए बुद्ध 2500 वर्ष बाद”—भी आप सभी
को जरूर पसन्द आएगी। किताब का प्रमुख पात्र अली है। इसकी कहानी भी बहुत मजेदार
है।इस किताब में आप पढ़ेंगे एक बार अली के मन में भी अपने इस सुन्दर देश को देखने
की बात आयी। और उसने देश घूमने का निर्णय लिया।पर अचानक उसके शरीर के सारे अंगों
ने उसके साथ जाने से मना कर दिया।तब उसकी एक आंख अकेले ही भारत दर्शन के लिये निकल
पड़ती है।फ़िर शुरू होती है असली कहानी।उसे रस्ते में जस्सी की दूसरी आंख,हेनरी के
पैर,मुत्थू के दो हाथ, और मंदिर के पुजारी का धड़ मिल जाता है।और अंत में एक जादूगर
उन्हें पूरा मानव शरीर बना देता है।इसके
साथ ही सब भारत के विभिन्न शहरों में घूमते भी चलते हैं।फ़िर उन्हें एक बुद्धिमान
सिर भी मिला। और इस तरह एक महा मानव का निर्म्माण हुआ एक ट्रक में गौतम बुद्ध की
प्रतिमा के पास—उसे देख कर गौतम
बुद्ध क्यों मुस्कुराए?ये सब जानने के लिये आपको ये किताब पढ़नी पड़ेगी।
बच्चों सच
में आप इस रंग बिरंगी किताब के माध्यम से अपने इस प्यारे देश की सैर करेंगे।इसमें
आपको मजा भी आयेगा और हर जगह के सुन्दर सुन्दर चित्र भी आप देखेंगे।जिन्हें आपके
लिये भारत की प्रसिद्ध फ़ोटोग्रैफ़र सर्वेश जी ने बहुत मेहनत से तैयार किया है।
दोनों ही किताबों की भाषा इतनी सरल और सजीव है कि आपको यही लगेगा की आपको खुद आबिद
जी सामने बैठ कर सारी कहानी सुना रहे हैं।तो आप लोग दोनों किताबें पढ़ कर बताइयेगा
कि आपको कैसी लगीं किताबें आपको।
आबिद सुरती |
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डा0हेमन्त कुमार
सुन्दर रचना,
जवाब देंहटाएंआप सभी का स्वागत है मेरे इस #ब्लॉग #हिन्दी #कविता #मंच के नये #पोस्ट #मिट्टीकेदिये पर | ब्लॉग पर आये और अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें |
http://hindikavitamanch.blogspot.in/2015/11/mitti-ke-diye.html
बहुत सुन्दर समीक्षा प्रस्तुति
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