रोज
सबेरे आता सूरज,
हंसता
और मुस्काता सूरज,
अंधियारे
को दूर भगाकर,
उजियारे
को लाता सूरज।
रोज
सबेरे--------------।
कभी
सुनहली कभी लाल और,
पीली
गेंद बनाता सूरज,
रोज
सबेरे पूरब में उग,
शाम
को पश्चिम जाता सूरज।
रोज
सबेरे------------------।
(फ़ोटो-गूगल से साभार) |
धूप
रोशनी गर्मी देकर,
जाड़ा
दूर भगाता सूरज,
सतरंगी
किरणों से अपनी,
नई
छटा बिखराता सूरज।
रोज
सबेरे आता सूरज,
हंसता
और मुस्काता सूरज।
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डा0हेमन्तकुमार
वाह बहुत खूब। सभी को बहुत पसंद आएगी। मेरी नई पोस्ट आपके इंतजार में।
जवाब देंहटाएंऔर ठण्ड में तो बहुत मन को भाता सूरज
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल रचना