बड़े
सबेरे उठ कर भालू
सीधे
जिम में जा पहुंचा
तरह
तरह कसरत की उसने
खम्भा
पकड़ के कूदा ऊंचा।
मुगदर
डम्बल उठा चुका सब
लटकी
रस्सी जोर से खींचा
लटक
लटक कर लम्बा होऊं
जिराफ़
के जैसा उसने सोचा।
पांव
फ़ंसा पाइप मे ज्यूं ही
उसने
कर लिया सर को नीचा
फ़िसल
गिरा धरती पर भालू
जिम
से उसका छूटा पीछा।
0000
डा0हेमन्त
कुमार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें