सोमवार, 23 फ़रवरी 2009

कौवे का स्कूल


कौवे ने इक पेड़ के नीचे
खोल लिया स्कूल
पहले दिन ही सभी जानवर
बस्ते आए भूल ।


गुस्साए कौवे ने फ़ौरन
उठा लिया बस रूल
लगा पीटने सबको जैसे
झाड़ रहा हो धूल।

भागे भागे सभी जानवर
पहुंचे शेर के पास
शेर ने डाटा जब कौवे को
फेंका उसने अपना रूल।
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हेमंत कुमार

2 टिप्‍पणियां:

  1. मतलब ... ... .

    बच्चों की पिटाई करनेवाले कौआ-मास्टरों के लिए शेर-जैसा प्रधानाचार्य होना चाहिए!

    नन्हे साथियो,
    अगर तुम्हारे किसी शिक्षक की आदत तुम्हें बात-बात पर मारने की पड़ गई हो, तो यह बात बताने के लिए अपने प्रधानाचार्य के पास जरूर जाना। हो सकता है कि वे भी शेर की तरह तुम्हारे लिए कुछ कर डालें।

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  2. बहुत अच्‍छा ब्‍लाग बनाया है आपने। मैने अपनी भांजी को लिंक भेजा तो उसे बहुत मजा आया।..वैसे मेरे जैसे बच्‍चे भी आनंद ले रहे हैं।

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