ताक धिना धिन ताक धिना धिन
भालू करता ताकधिनाधिन
बन्दर फुनगी पर जा पहुँचा
नाच के बोला ताक धिना धिन।
कोयल जोर जोर से कूकी
तोता छोड़ के आया काम।
गधे की चीपों चीपों सुन के
घोड़ा दौड़ा हिन् हिन् हिन्।
गुफा से चीता बाहर आया
हाथी सूंड उठा चिल्लाया।
सोया जंगल जाग उठा जब
शेर भी नाचा ताक धिना धिन।
ताक धिना धिन ताक धिना धिन
भालू करता ताक धिना धिन।
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हेमंत कुमार
भालू करता ताकधिनाधिन
बन्दर फुनगी पर जा पहुँचा
नाच के बोला ताक धिना धिन।
कोयल जोर जोर से कूकी
तोता छोड़ के आया काम।
गधे की चीपों चीपों सुन के
घोड़ा दौड़ा हिन् हिन् हिन्।
गुफा से चीता बाहर आया
हाथी सूंड उठा चिल्लाया।
सोया जंगल जाग उठा जब
शेर भी नाचा ताक धिना धिन।
ताक धिना धिन ताक धिना धिन
भालू करता ताक धिना धिन।
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हेमंत कुमार
हेमंत जी,
जवाब देंहटाएंवैसे तो पूरा बालगीत ही बहुत आकर्षक है
लेकिन ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी हैं .......
गुफा से चीता बाहर आया
हाथी सूंड उठा चिल्लाया।
सोया जंगल जाग उठा जब
शेर भी नाचा ताक धिना धिन।
मैं जल्द ही आपके पास अपने कुछ बालगीत भेजूंगी .
हिन्दी में बच्चों के लिए कम लिखने का रोना रोया जाता है. आपके सार्थक प्रयास के लिए साधुवाद.
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