
नाचा मोर नाचा मोर
जंगल में तो मच गया शोर।
बादल छाये बिजली चमकी
ठंढी हवा चली जंगल में
सुंदर पंख फैलाकर अपने
लगा थिरकने सुंदर मोर।
पिऊ पिऊ जब बोला मोर
भालू जी ने उठाई ढोल
कोयल मीठे स्वर में बोली
नाचेगा देखो अब मोर।

ठुमक ठुमक फ़िर नाचा मोर
झूम झूम कर नाचा मोर
दायें बाएं घूम घूम कर
ऊपर नीचे कूद कूद कर
नाच उठा जंगल में मोर।
नाचा मोर नाचा मोर
जंगल में तो मच गया शोर।
०००००००००००
हेमंत कुमार
जंगल में तो मच गया शोर।
बादल छाये बिजली चमकी
ठंढी हवा चली जंगल में
सुंदर पंख फैलाकर अपने
लगा थिरकने सुंदर मोर।
पिऊ पिऊ जब बोला मोर
भालू जी ने उठाई ढोल
कोयल मीठे स्वर में बोली
नाचेगा देखो अब मोर।

ठुमक ठुमक फ़िर नाचा मोर
झूम झूम कर नाचा मोर
दायें बाएं घूम घूम कर
ऊपर नीचे कूद कूद कर
नाच उठा जंगल में मोर।
नाचा मोर नाचा मोर
जंगल में तो मच गया शोर।
०००००००००००
हेमंत कुमार
इस गीत के साथ लगे दोनों चित्र
मेरे मित्र प्रसिद्ध चित्रकार राजीव मिश्रा ने बनाये हैं