कोयल ने इक दिन जल्दी से
सब चिड़ियों को पास बुलाया
कटते जाते पेड़ सभी अब
उसने सबको ये बतलाया।
कहां रहेंगे हम सब बहना
कहां बनेगा नीड़ हमारा
कैसे समझाएं मानव को
सबने मिलके बुद्धि दौड़ाया।
नन्हीं सोन चिरैया चहकी
बोली कू कू कर के
बाबा गांधी ने अनशन से
गोरों को था दूर भगाया।
क्यों ना हम भी ऐसा ही कुछ
नया अनोखा मार्ग बनाएं
पेड़ों का कटना भी रोकें
अपने घर जंगल को बचाएं।
खुश हो गई फ़िर चिड़िया सारी
सोन चिरैया की बातों से
मौन का व्रत रख करके हम भी
छेड़ेंगे अब जंग इक न्यारी।
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interesting one
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक और रोचक रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंघूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच ।
लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर की जाएगी!
सूचनार्थ!
सार्थक... सुन्दर...
जवाब देंहटाएंnice...
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