सोमवार, 30 मई 2016

शीतल मंद हवाएं

दूर पहाड़ों से हैं आती
बारिश का संदेसा लाती
खट्टी मीठी बातें करती
झरनों का संगीत सुनाती
शीतल मंद हवाएं।

दुनिया भर की खबर सुनाती
प्रेम भरे पैगाम भी लाती
कभी तेज हो हर हर करती
कभी प्यार से पंखे झलती
शीतल मंद हवाएं।

सुंदर फ़ूलों से खुशबू ले
गांव गली में बांटा करती
भटका पथिक अगर मिल जाए
रास्ता भी उसको दिखलाती
शीतल मंद हवाएं।
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डा0हेमन्त कुमार

मंगलवार, 10 मई 2016

कहां छुपे हो बादल भैय्या----।

सूखी धरती सूखी नदियां
सूख गये सब ताल तलैया
हवा में उड़ते पाखी चीखे
अब तो गुस्सा छोड़ो भैय्या।
कहां छुपे हो बादल भैय्या।

आग उगलती हवा में देखो
जीव सभी अब झुलस रहे हैं
थोड़ी दया करो अब सब पर
छाया थोड़ी कर दो भैय्या।
कहां छुपे हो बादल भैय्या।

टप टप करता गिरे पसीना
पर्वत जंगल चैन कहीं ना
सूरज से समझौता कर लो
बारिश थोड़ी कर दो भैय्या।
कहां छुपे हो बादल भैय्या।
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डा0हेमन्तकुमार