सोमवार, 30 मई 2011

रेल गाड़ी

चित्र-- राजीव मिश्र

कू कू करती
धुआं उड़ाती
चलती जाती रेलगाड़ी।

झंडी लाल दिखे
जैसे ही
रुक जाती है रेलगाड़ी
झंडी हरी देख के भैया
फ़िर चल पड़ती रेलगाड़ी।

अपनी पटरी पर
ही चलती
नहीं भागती
इधर उधर
मीलों दूरी तै करके भी
थकती नहीं है रेल गाड़ी।

कू कू करती
धुआं उड़ाती
चलती जाती रेलगाड़ी।
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हेमन्त कुमार