बुधवार, 20 मार्च 2013

मेरी प्यारी गौरैया


रोज सुबह आती गौरैया
गीत नये गाती गौरैया
उठ जाओ तुम नित्या रानी
कह के मुझे जगाती गौरैया।

चीं चीं चूं चूं मीठी बोली
दाना मांग रही गौरैया
अम्मा जल्दी दे दो चावल
भूखी है प्यारी गौरैया।

पंख छपक कर पानी में तो
रोज नहाती है गौरैया
चोंच रगड़कर पेड़ की डाली
चावल चुनती ये गौरैया।

झूला झूलूं बाग में जब भी
चुपके से आती गौरैया
उड़ उड़ मेरे चारों ओर
खुशी से इतराती गौरैया।
0000
कवियत्री:
नित्या शेफ़ाली
कक्षा-10-c सेण्ट डोमेनिक सेवियो कालेज
इन्दिरा नगर
लखनऊ-226016

8 टिप्‍पणियां:

  1. आज विश्व गौरय्या दिवस है!
    --
    खेतों में विष भरा हुआ है,
    ज़हरीले हैं ताल-तलय्या।
    दाना-दुनका खाने वाली,
    कैसे बचे यहाँ गौरय्या?

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  2. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-03-2013) के चर्चा मंच 1193 पर भी होगी. सूचनार्थ

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