मुर्गे जी को मिला कहीं से
अखबार पुराना एक
खबर सुनाकर सबको भैया
काम करूं मैं नेक।
खोज रहा खबरों में मुर्गा
जंगल पर्वत नदी की बातें
पर इनकी ना खबर थी कोई
ना ही फोटो छपी थी एक।
खबरें थीं बस लूट पाट की
चोरी झूठ फ़रेब की
दुनिया के हर कोने में बस
दुर्घाटनाएं हुयीं अनेक।
खबरें पढ़ गुस्साया मुर्गा
अखबार दिया फ़िर फ़ेंक
हवा में गर्दन ऊंची करके
बांग लगाई एक।
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डा0हेमन्त कुमार
आज कल की एक ठोस सच्चाई है जी ... जिसका हर सुबह अनुभव होता है बिना कोई छाप छोड़े.
जवाब देंहटाएंखुबसूरत रचना
पधारें ,अच्छा लेगे तो ज्वाइन भी करें : पासबां-ए-जिन्दगी: हिन्दी
: पासबां-ए-जिन्दगी: हिन्दी
जवाब देंहटाएंमान्यवर,
दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में
बाल साहित्य संस्थान द्वारा
अन्तरराष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें एक सत्र बाल साहित्य लिखने वाले
ब्लॉगर्स का रखा गया है।
हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले
इसमें प्रतिभाग करने के लिए 10 ब्लॉगर्स को
आमन्त्रित करने की
जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है।
कृपया मेरे ई-मेल
roopchandrashastri@gmail.com
पर अपने आने की स्वीकृति से
अनुग्रहीत करने की कृपा करें।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
सम्पर्क- 07417619828, 9997996437
अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर !
जवाब देंहटाएंआपसे अनुरोध है की मेरे ब्लॉग पर आये और फॉलो करके सुझाव दे