सिंहराज ने खबर सुनी जब
शाकाहारी जीते ज्यादा
चिंता हुयी उन्हें फ़िर
भारी
क्या मेरी बस उमर है आधा।
शाकाहारी बनूं अगर तो
मार्ग में आयें ढेरों
बाधा
कौन लाएगा भोजन मेरा
घट के वजन भी होगा आधा।
बुला के जंगल के जीवों को
किया तुरत उनसे इक वादा
मांस नहीं खाऊंगा अब मैं
फ़लाहार बस करूंगा सादा।
बैठ गुफ़ा के बाहर अपनी
सोच रहा क्या खाऊं सादा
खरगोश देख के लालच आयी
तोड़ दिया फ़िर अपना वादा।
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डा0हेमन्त कुमार
sher ka vada bhi aisa fir kahe ka sher .nice poem .
जवाब देंहटाएंbahut sundar
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सुन्दर बाल रचना हेमंत जी ...
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