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रविवार, 1 फ़रवरी 2009

मेरा घर


कितना प्यारा कितना सुंदर
सबसे अच्छा है मेरा घर।

राजाओं के महलों जैसा
नहीं बना है मेरा घर
फ़िर भी मैं रहता हूँ इसमें
क्योंकि यह है मेरा घर।
कितना प्यारा.....................

रोज सुबह खपरैले पर आ
गौरैया एक गीत सुनाती
हुआ सबेरा उठ जाओ तुम
कह कर के वह मुझे जगाती।
कितना प्यारा………...........

दौड़ दौड़ जब थक जाता मैं
मेरी मैया मुझे बुलाती
प्यार से अपनी गोद में लेकर
लोरी गाकर मुझे सुलाती।

कितना प्यारा कितना सुंदर
सबसे अच्छा है मेरा घर।
००००००००००००००००००
हेमंत कुमार