शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

जाड़ा--2


जाड़ा ताल ठोंक जब बोला,
सूरज का सिंहासन डोला,
कुहरे ने जब पांव पसारा,
रास्ता भूला चांद बिचारा।

छिपे सितारे ओढ़ रजाई,
आसमान नहिं दिखता भाई,
पेड़ और पौधे सिकुड़े सहमे,
झील में किसने बरफ़ जमाई।


पर्वत धरती सोये ऐसे,
किसी ने उनको भंग पिलाई,
सुबह हुयी सब जागें कैसे,
मुर्गे ने तब बांग लगाई।

जाड़ा ताल ठोंक जब बोला,
सूरज का सिंहासन डोल॥
000
हेमन्त कुमार


15 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  2. हेमंत जी,

    बहुत सुन्दर व सरल भाषा में जाड़े का अच्छा वर्णन किया है आप ने. आप को बहुत बहुत बधाई. आप का यह ब्लॉग पढ़ कर अच्छा लगा .

    नव वर्ष की शुभ कामनायों के साथ

    आशु

    जवाब देंहटाएं
  3. हेमंत जी,

    आप का यह नया ब्लॉग पढ़ कर बहुत अच्छा लगा . पढ़ कर बड़ा आनंद आया. इतना अच्छा लगा इस से प्रेरित हो कर मैंने बच्चो के लिए इक रचना लिखी है अपने ब्लॉग पर आये. आप ज़रूर पढ़े और मुझे अपनी राये देना मतभूले.
    आशु

    जवाब देंहटाएं
  4. सूरज का सिंहासन तो डोला है!!

    वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

    - यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-

    नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

    समीर लाल
    उड़न तश्तरी

    जवाब देंहटाएं
  5. apki kavita me sabse khas baat ye lagi ki asan bhasha me likhi h aapne...
    shubhkamnaye....

    जवाब देंहटाएं
  6. छिपे सितारे ओढ़ रजाई,
    आसमान नहिं दिखता भाई,
    पेड़ और पौधे सिकुड़े सहमे,
    झील में किसने बरफ़ जमाई।

    waah waah

    जवाब देंहटाएं
  7. आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने!

    जवाब देंहटाएं
  8. जाड़ा ताल ठोकेगा तो तो सूरज तो उसके सामने शक्तिहीन हो ही जायेगा ।उपमाए बहुत सुन्दर चुन कर दी है सितारों का रजाइ ओढना, चांद का रास्ता भूलना ,धरती का किसी नशे मे सोना । मैने ऐसा सुना है कि जिस गांव में मुर्गा नही बोलता वहां सबेरा नही होता

    जवाब देंहटाएं
  9. bahut hi sundar hai...rang birange phoolon se mehkti hui hai aapki kavita...bahut khoob

    जवाब देंहटाएं
  10. aadarniya sir,
    kavita likhi gajab ki aapane
    thandi ke mousam par.
    ab to rangeeli baraf raseeli davat denge garmi par.
    bachhaa bhi halke ho jayen imthan ke bukhar se .fir jee bhar kar karenge masti,
    maouj uudayenge din bhar.

    जवाब देंहटाएं
  11. आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं