बिल्ली मौसी घर से चली
आंख पे चश्मा हाथ में थैला
बिल्ला मौसा को बाय कहा
और फ़ोन मिलाती आगे चली।
चटक मटक कर कहां चली
झटक के अपनी झबरी पूंछें
आंख मटका कर झट से बोली।
पहले बालीवुड जाऊंगी
शाहरुख संग फ़िल्म बनाऊंगी
पैसा खूब कमाऊंगी
फ़िर बनारस जाऊंगी।
जा के गंगा में नहाऊंगी
चूहे पकड़ के लाऊंगी
पेट भरकर खाऊंगी
फ़िर वापस मैं आऊंगी।
पुत्र श्री वीरेन्द्र सारंग
कक्षा-5 बाल गाइड इन्टर कालेज
लखनऊ-
बढिया बाल गीत।
जवाब देंहटाएंकुलेश जी को बहुत बहुत बधाई ......इनकी चर्चा वीरेंद्र सारंग जी ने की थी ....आज आपने इनकी प्रतिभा को 'फूलबगिया' मे जगह देकर बहुत ही सुंदर काम किया है , वीरेंद्र जी आपको भी बधाई ।
जवाब देंहटाएंbahut khub
जवाब देंहटाएंshekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
बहुत प्यारा बाल गीत..मजा आ गया.
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'पाखी की दुनिया' में इस बार माउन्ट हैरियट की सैर करना न भूलें !!
बहुत सुन्दर और प्यारा बाल गीत ! मुझे बेहद पसंद आया! चित्र भी बहुत मज़ेदार लगा !
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