रविवार, 17 अक्तूबर 2010

रिक्शा

ट्रिन ट्रिन करके
घण्टी बजाता
तीन पहियों से
चलता जाता
मैं हूं रिक्शा
मैं हूं रिक्शा ।

अम्मा बाबू
दादा दादी
मुन्ना मुन्नी
बड़की छुटकी
सबको मैं हूं
सैर कराता
मैं हूं रिक्शा
मैं हूं रिक्शा ।

पतली गलियां
चौड़ी सड़कें
सब पर मैं तो
चलता जाता
जहां न पहुंचे
मोटर गाड़ी
वहां भी मैं
सबको पहुंचाता ।

मैं हूं रिक्शा
मैं हूं रिक्शा ।
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हेमन्त कुमार