“इन्साफ़ की डगर पे,
बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा,
नेता तुम्हीं हो कल के॥
जी हाँ,ये शब्द आपने कही न कही सुना या पढ़ा होगा। फ़िर घर के किसी कोने में फ़ेंक दिया होगा।
ये दुनिया ही ऐसी है। कोई अच्छी या ढंग की बात पढी, फ़िर थोडी देर उस पर बात की फ़िर फ़ेंक दिया। लेकिन सोचिए, आज के इस युग में कितना कुछ बदला है।62 साल पहले जहां लोगों ने आज़ादी के लिये खून बहाया,उसी ज़मीन पर आज लोग अपनों को,मार रहे हैं।सच तो शायद ही भारत के किसी कोने में है। आजकल तो लोगों को पता ही नहीं रहता कि वे क्या कर रहे हैं । टेररिज़्म जैसी कई चीज़ें बढती ही चली जा रही हैं।आज लोग एक सच छुपाने के लिये हज़ार झूठ बोलते हैं। बहुत सी बाहरी शक्तियाँ भारत को कमज़ोर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
क्या ऐसे ही हमारा देश तरक्की करेगा?मैं पूछती हूं –क्यों और कब तक इस आतंकवाद के डर से हम बच्चे पढना बन्द करेंगे,लोग घरों से बाहर निकलना बन्द करेंगे ?क्या किसी में भी देश के लिये लड़ने की हिम्मत नहीं है?इस तरह से तो हम सब कायर कहलायेंगे।
नहीं !!!!!!ऐसा नहीं होगा। हम लड़ेंगे,जरूर लड़ेंगे !!!!!! हमारे अन्दर लडने की वो आग है। अगर कोई मुश्किल है तो उसे भी हल करेंगे। हाँ !! भारत के लोगों जागो…हम दिखा देंगे कि हमारा भारत कमज़ोर नहीं है। आज हम सब मिल कर ये संकल्प लें –
हम एक थे,एक हैं और एक रहेंगे।
हम नन्हे बालक भारत की तस्वीर बनेंगे।
बदले हुए भारत की हम तकदीर बनेंगे ।
जय हिन्द…।
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लेखिका ---नित्या शेफ़ाली का लेख
हेमन्त कुमार द्वारा प्रकाशित्।
इस सुन्दर लेख के लिए बेटी नित्या शेफाली को बधाई!
जवाब देंहटाएंनित्या शेफाली को स्नेहभरा आशीर्वाद !!
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