शनिवार, 20 मार्च 2010

मेरी प्यारी गौरैया

रोज सुबह आती गौरैया

गीत नये गाती गौरैया

उठ जाओ तुम नित्या रानी

कह के मुझे जगाती गौरैया।


चीं चीं चूं चूं मीठी बोली

दाना मांग रही गौरैया

अम्मा जल्दी दे दो चावल

भूखी है प्यारी गौरैया।


पंख छपक कर पानी में तो

रोज नहाती है गौरैया

चोंच रगड़कर पेड़ की डाली

चावल चुनती ये गौरैया।


झूला झूलूं बाग में जब भी

चुपके से आती गौरैया

उड़ उड़ मेरे चारों ओर

खुशी से इतराती गौरैया।
000
कवियत्री:नित्या शेफ़ाली

13 टिप्‍पणियां:

  1. विश्व गौरैया दिवस पर नित्या शेफाली जी ने
    बहुत सुन्दर बाल कविता लिखी है!

    बहुत बहुत शुभाशीष!

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  2. नन्हें सुमन पर भी आपको
    बाल कविताएँ पढ़ने को अवश्य मिलेंगी!
    http://nicenice-nice.blogspot.com/

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  3. अब गौरैया नहीं आयेगी....मैंने मना कर दिया है......
    ...........................
    विश्व गौरैया दिवस-- गौरैया...तुम मत आना..(कविता)
    http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_20.html

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  4. बढ़िया है...

    _____________
    पाखी की दुनिया में देखें-"मेरी नन्हीं गौरैया"

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  5. गौरैया बहुत ही प्यारी पंछी है और मुझे बेहद पसंद है! आपने बेहद ख़ूबसूरत और मनमोहक रचना लिखा है जो प्रशंग्सनीय है! बधाई!

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  6. सुन्दर सलोनी कविता का आभार ।

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  7. नित्या आपकी कविता भी नन्ही-मुन्नी चींचीं करती गौरैया जितनी प्यारी और कोमल है । शुभाशीष....सीमा सचदेव

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  8. आज तो नित्या की मुस्कान बहुत सुंदर लग रही है!
    ज़रा देखो तो सही -
    मुस्कानों की सुंदर झाँकी
    में यह क्या कर रही है?

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  9. चर्चा मंच पर आपका जिक्र रावेंद्रकुमार रवि ने किया है( २९ मार्च २०१०) , बस आपके ब्लॉग पर आया , अच्छा लगा , मुझसे दोस्ती करेंगे

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  10. वैसे गौरैयाँ अब कम ही दिख रही है , आपकी कविता से शायद फर्क पड़े

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